काव्य वाणी
Shekhar Kumawat's Blog
जीने नहीं देता .........
फासला तुम्हे भूलने नहीं देता.
खुली आँखों में खवाब दिखा देता.
ये कैसी कसम दिलाई है तुमने.
जो जीकर भी जीने नहीं देता ....
© Shekhar Kumawat
खुदा की इबादत ........
मोहब्बत भी गजब की शय होती है..
कभी दर्द तो कभी दवा होती है .
गर हो जाये ये हसीन खता किसी से ..
तो खता भी खुदा की इबादत होती है ......
© Shekhar Kumawat
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